क्या आप कैंसर से युद्ध में आलोक तोमर को सही राय दे सकते हैं?

क्या आप कैंसर से युद्ध में आलोक तोमर को सही राय दे सकते हैं? 
- (डॉ.)कविता वाचक्नवी  





Alok Tomar

हिन्दी पत्रकारिता व लेखन से जुड़े लोग आलोक तोमर जी से परिचित ही हैं, जो नए लोग इस नाम के पीछे छिपे व्यक्तित्व से परिचित न हों वे कृपया



दोनों लिंक्स द्वारा दो कड़ियों के उनके साक्षात्कार को पढ़ कर कुछ परिचय पा सकते है. राष्ट्र व राष्ट्रीय प्रश्नों के प्रति पागलपन की सीमा तक खोजी, लड़ाकू व दीवाने ये लेखनी के धनी जुझारू पत्रकार आलोक तोमर इन दिनों सी एन ई बी चैनल में कॉपी एडिटर के रूप में कार्य देखते हैं और डेटलाइन इंडिया का संचालन संयोजन करते हैं. हिन्दी भारत पर भी यदा कदा यहाँ उनका कुछ लेखकीय सहयोग ( जैसे - कारगिल  जो  सिर्फ  मुहावरा नहीं  है ) मिला. 



हिन्दी पत्रकारिता व लेखन से जुड़े अधिकाँश लोगों को यह दुखद वृत्त ज्ञात ही है कि गत दिनों उन्हें जाँच द्वारा प्रारंभिक अवस्था में कैंसर होने की पुष्टि की गई  ( कैंसर को हराने में जुटे हैं आलोक तोमर).

अब स्थिति यह है केवल जाँच में ही अब तक दो लाख रुपये से अधिक झोंका जा चुका है और कैंसर के मूल का पता तक नहीं चल रहा है. हिन्दी के पत्रकार के लिए ( और वह भी जो हर समय व्यवस्था और शातिरों से पग पग पर पंगे लेता आया हो) धनाभाव बहुत सामान्य बात है. उनका स्वाभिमानी व्यक्तित्व किसी आर्थिक सहयोग की अपेक्षा नहीं करता; केवल एक सहयोग किया जा सकता है कि कोई परिचित विशेषज्ञ चिकित्सक उनकी मेडिकल रिपोर्ट्स देख कर अपनी निर्णायक टिप्पणी द्वारा उनके अपव्यय को रोकने में सहयोगी हो सकें.



किसी प्रकार का
आर्थिक सहयोग नहीं अपितु विशुद्ध कायाविमर्श अपेक्षित है. यदि आप पाठकों में से कोई स्वयं अथवा आपका कोई परिचित मित्र ऐसा हो जो इस विषय का विशेषज्ञ हो व आलोक जी के इस आड़े समय में अपनी विशेषज्ञता का लाभ उन्हें दे कर अपने बड़प्पन से कृतार्थ कर सकता हो तो कृपया हमें सूचित करें. उन्हें आलोक जी की रिपोर्ट्स भेज दी जाएँगी ताकि सही मार्गदर्शन व निर्णायक मत का पता चल सके.


मैं निजी तौर से अपने मित्रों परिचितों से इस
मार्गदर्शन में सहयोग की आकांक्षी व प्रार्थी हूँ. यदि आप किसी ऐसे कैंसर विशेषज्ञ को जानते हों जो वास्तव में सही व निश्शुल्क मार्गदर्शन तथा निर्णय दे सकता है तो कृपया उनका अता पता दें.

  कृपया इस सन्देश को अधिकतम लोगों तक पहुँचा कर इस कठिन घड़ी में उन्हें ऊहापोह व अतिव्यय से उबरने में सहयोग दें.







13 टिप्‍पणियां:

  1. ढेंरों सद़्भावनाएं. योग को भी अपनाया जाना चाहिये.

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  2. एलोपथिक चिकित्सा के साथ उन्हें वैकल्पिक चिकित्सा का प्रयोग करना चाहिए , कैंसर को ठीक करने के लिए स्वमूत्र और गौमूत्र चिकित्सा का बहुत महत्व पाया गया है कुछ लिंक दे रहा हूँ ! बेझिझक और विश्वास के साथ उपयोग करना चाहिए !शुभकामनायें !

    http://www.cowurine.com/cancer.html
    http://www.lifepositive.com/body/traditional-therapies/urine-therapy.asp
    http://www.ehow.com/how_2031624_use-urine-therapy.हटमल
    http://www.universal-tao.com/article/urine_therapy.html

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  3. एक करीबी को खो चुका हूँ जी इस बीमारी से। कहाँ-कहाँ नही गया उन्हें लेकर। एक देसी वैद्य जी का इलाज कुछ कारगर लगा और उनके इलाज द्वारा ठीक हुये मरीज से भी मिला हूँ। जिन्हें राजीव गाँधी कैंसर हॉस्पीटल वालों ने केवल छह महिने की जिन्दगी बची है कहा था, वो औरत आज 6 साल से आराम से जी रही है।
    उनकी दवाईयां गोमूत्र पर अधारित हैं और शुल्क नाममात्र है। सुबह 6 बजे ही बिना कुछ खाये-पिये उनको नाडी (नब्ज) दिखानी होती है। बाकि बीमारी या बातें खुद ही बता देते हैं।
    NH-2, पर पलवल-कोसी रोड पर होडल बस स्टैंड से थोडा आगे डबचिक रैस्टोरेंट से थोडा सा पहले उनका मकान है। वहां जाने पर कोई भी बता देगा। नाम याद नहीं है अब।

    प्रणाम स्वीकार करें

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  4. Alok ji, main khud bhi aise hi trauma se nikli hun. surgery ke baad almost theek feel kar rahi hun.par will power sab theek kar deti hai. iske alava yog aur ho sake to diet mein strawberry ka sewan madad karta hai. main ongc ki dr. list se best dr. dekh kar aapko jaldi hi soochit karungi.

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  5. Roopesh Jain ( http://www.facebook.com/profile.php?id=1177642329 ) Wrote -
    14 अगस्त को 01:07 बजे

    kavita ji khusi hui ki koi to kisi cancer patientiske liye aage aaya, thik hai Alok ji bada Naam ho sakte hai or samrthvan bhi! mai bhi isi biradri ka ak chota sa prani hu jo pichle 11 saal se blood cancer se lad raha hai or ab tak hara nahi hai, mai delhi mai akela hi rahta hu, maine 1-2 baar Alook ji phone bhi kiye par koi respons nahi mila to mujhe laga ki hoge alok ji bade aadmi par mai khud ko kisi se chota nahi manta, mai ab pichle 10 saal mai 29 chemo le chuka hu, BONE MERROW TRANSPLANT KARA CHUKa hu or ak baar phir dr loag BMT kaboal rahe hai dekh jayega................mai bhi DAINIK BHASKAR mai hi hu par aaj tak kisi ptarkar ne ye nahi soch ki mare treetment kaise chal raha hai,,,,par jane dijiye ALOK ji ka dhayan rakhiye sab thik hoga
    roopesh jain

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  6. thanks kavita ji mai bhi koshish karooga ki ye mujhe mil sake. tkaks for your kaindness...............ak bat aap agar logo se shair karna chahe to bata sakti hai aadmi CANCER se sirf 20% marta hai baaki 80% dar se. mujhe dr 4 baar time de chuke hai or mai unhe har baar galat sabit kar chuka hun...................kisi ko bhrosa na ho to aap meri report ka upyog kar sakti hai, sari FB par load hai

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  7. दुआ से फायदा होगा या होगा ज़हरे-कातिल से
    मरज़ की क्या दवा है ये कोई बीमार क्या जाने :)
    कहें तो मैं अपने डॊक्टर को रिपोर्ट बता कर उनकी राय ले सकता हूं।

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  8. कैंसर एक जीवनशैली सम्बंधित रोग है. जिसका सम्बन्ध लिम्फ प्रणाली में गतिरोध से है. शारीर में पलने के डेढ़ दशक बाद ट्यूमर इतना बड़ा हो पाता है की उसे अत्याधुनिक मशीनों द्वारा पकड़ा जा सके. यानि रोगी के शारीर में कैंसर कोशिकाएं आज से नहीं बल्कि दशक - डेढ़ दशक पहले से पल बढ़ रही हैं. और इन्हें देखकर ही लगता है की ये प्राकृतिक भोजन, नियमित व्यायाम, खेलकूद, डीटॉक्स, उपवास वगैरह से काफी दूर हैं. बात कड़वी है पर सच यही है की इनका यह कैंसर अनियमित जीवनशैली और लापरवाही की देन है. अब अस्पतालों में जो इलाज होगा वह लक्षणों का होगा न की दशकों से हो रही गलतियों का. कैंसर कोशिकाएं कीमो, विकिरण या शल्यक्रिया द्वारा निकाल दी जाएँगी. पर कारण शरीर में ही रहेगा, जो देर सबेर फिर सर उठाएगा.

    यह रोग जीवनशैली में गड़बड़ी के कारण सालों में इस अवस्था में पहुंचा है, इसका तर्कसंगत इलाज जीवनशैली में आमूलचूल और कठोर परिवर्तन ही है. वर्ना आज भी कैंसर से जीवन की लड़ाई जीतने वाले बिरले ही हैं.

    कैंसर के बारे में कुछ भी करने से पहले एक पुस्तक अवश्य पढ़ लें, कोई दस पंद्रह दिन लगेंगे, और जब आप पंद्रह साल तक इस बीमारी को शरीर में लिए रहे तो पंद्रह दिन और सही :

    फिट फॉर लाइफ (अ न्यू बिगेनिंग) --- हार्वी डायमंड

    ---------------------------------

    http://whale.to/cancer.html

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  9. Respected Alik Bhai and Kavita Ji ,
    Though the disease is threatening and alarming but one can stand against it.
    My Mama ji suffered with LIVER Cancer and this was fdiagnosed in last days .He was given time of only three months.Doctors suggested operation but said that no cure is possible now.We brought him home and consulted one Dr.Darbarees Book ,who was a well known social figure of ALLAHABAD and practiced HOMEOPATHY.One should not believe that his prescribed therapy of BIOCHEMICAL AND HOMEOPATHIC COMBINATION did miracle for my MAMA jI .It made life very easy ,without pain and eased his last days to much extent.
    Anyone at Allahabad can provide this book and these medicines are very easily available at any homeopathic medical store .Standard Book Stores in India may have this book.One can not guaruntee but it is an experienced truth that they are really very effective no doubt.If taken in early stages,even with allopathic drugs ,it can work .Pl try it and inform me about results. so that others may take advantage.My cell no is 9425898136
    With regards ands best wishes,
    Dr>bhoopendra Singh rewa mp

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  10. Ramakant Ji ने लिखा
    .
    Please ask one of your contacts here at Bhopal to collect a medicine called Rajatamrut from me. Have it thrice daily in a cup of water and feel the difference within 7 days.

    Boil the gold in one glass of water until remain half then cool it and take it. Do it thrice a day.

    Put soaked saffron on your navel.

    Like Chandi ke varak there are Golden foils available in the market (Dharampal Lakhanpal of Catch), include half of the foil daily in your food.

    I wrote you about the symptoms of cancer homes and they are :

    Lots of coins in the house. Wood at the rooftop. Snakes around the house. Less love of buas. Disliking or non-consumption of plain Milk.
    Frustration of not going ahead with the speed one perceive.

    Take care of the symptoms and see the difference in one month.

    Yog nidra (preferable Bihar yog vidyalaya Version) with the sankalp of healthy cells and retrogradations of carcinogenic growth will help.

    The following remedy is meant for you only : keep two onions in both the pockets and daily replace them. Put the used one in water.

    You could contact me at these Nos : 9425000003, 9425000002.

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  11. I can very well relate to the agony of such kind. I am forwarding some key words those are the ditermined alternatives other than Chemotherapy. Cancer updates "By John Hopkins Cancer Hospital USA"

    1. Sugar is a cancer feeder.... By cutting off sugar you cut off food suply to cancer cells. Use honey if you have to. Same with table salt. use sea salt, or minimize the salt use.
    2. Milk causes to produce mucus, and cancer feeds on mucus, so, use soya milk.
    3. Non-vegitarians can eat more of Fish and Chicken rather than pork or beef. Avoid other kind of meats as well.
    4. Lean more on vegetables and juices, whole granes, seeds, beans,sprouts. They enhence growth of healthy cells. Some raw vegitables 2-3 times a day is healthy.
    5. Avoid coffee, tea and chocolate. Green tea is the alternative that also has cancer fighting properties.
    6. Exercise and yoga daily for at least an hour to get more oxygen down to the cellular level. Oxygen is another means employed to destroy cancer cells.
    7. No plastic container in micro. No water bottles in freezer.

    And, at last but not least: My personal opinion about this is to keep your attitude very positive. Cancer is a disease of the mind, body and spirit. Anger, unforgiveness and bitterness put the body into a stresssrful environment, and that causes the cancer to grow.
    Love, forgive, relax and enjoy the life given the way it is..,

    With all my sincere wishes..
    ~ Lalit Ahluwalia 'Aatish'

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  12. स्वमूत्र चिकित्सा से बिना पैसा खर्च किए 100% रिजल्ट मिलेगा ये मेरा एक्सपीरियंस है

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आपकी सार्थक प्रतिक्रिया मूल्यवान् है। ऐसी सार्थक प्रतिक्रियाएँ लक्ष्य की पूर्णता में तो सहभागी होंगी ही,लेखकों को बल भी प्रदान करेंगी।। आभार!

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