व्यक्ति - विशेष के प्रयासों द्वारा संचालित ऐसी बहुत कम संस्थाएं होती हैं जो अपने उस कर्णधार के न रहने के पश्चात् भी अनवरत उसी प्रकार कार्य करती रहें । हर्ष की बात यह है कि समकालीन साहित्य सम्मलेन के साथ ऐसा नहीं हुआ। डॉ.महेंद्र कार्तिकेय के सुपुत्र वैभव कार्तिकेय ने इसे उतनी ही लगन व निष्ठा से अपना लिया जैसी पिता की कभी अपेक्षा व स्वप्न रहा होगा। गत कई वर्षों से `समकालीन साहित्य सम्मेलन ' महेंद्र जी की अनुपस्थिति में भी निरंतर उसी प्रकार अपने वार्षिक अधिवेशन पूरी तन्मयता से आयोजित कर रहा है। जिसके लिए संस्था के अन्य पदाधिकारियों के साथ -साथ वैभव कार्तिकेय की लगन ही मूल है।
इस वर्ष संस्था का ३० वाँ अंतर्राष्ट्रीय अधिवेशन (२९ जुलाई से ३ अगस्त तक) दुबई में आयोजित होने जा रहा है । जिसकी सूचना व प्रेस विज्ञप्ति को यहाँ देखा जा सकता है। दुबई अथवा आसपास के नगरों में रहने वाले जो भी लोग हिन्दी साहित्य के गंभीर चिंतन - मनन में रूचि रखते हों वे इसका लाभ उठा सकते हैं।
शुभकामनाओं सहित
( कविता वाचक्नवी )

आभार जानकारी के लिए. कार्यक्रम की सफलता के लिए शुभकामनाऐं.
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