गणतंत्र के अक्षुण रहने व समर्थ बनने/ बनाने हेतु











 !!भारत के सभी वीरगति पाए महानायकों व संस्कृति पुरुषों की स्मृति !!
 को



!! विनम्र प्रणाम !!





 गणतंत्र दिवस पर भारतीय गणतंत्र के अक्षुण रहने व समर्थ बनने/ बनाने  हेतु शुभकामनाएँ.


लम्बे समय बाद नेट पर बैठ कर कुछ संवाद का सुयोग हो पाया है.



वस्तुतः ३१ दिसंबर से यात्राओं और भारत- प्रवास पर हूँ. यात्राओं के इस क्रम में 11 जनवरी से 21 जनवरी तक दिल्ली ( + पानीपत व यमुनानगर) रह कर परसों हैदराबाद पहुँची हूँ,  29 जनवरी को बैंगलोर के लिए प्रस्थान करना है व पुनः 5 से 17 फरवरी दिल्ली में रहूँगी. पश्चात एक सप्ताह पुनः हैदराबाद.



 हैदराबाद में सत्यनारायण शर्मा कमल जी के सुपुत्र के निवास पर उनसे भेंट के क्षण अतीव हर्षदायक व सुखद रहे. लम्बे अरसे बाद उन से भेंट कर मन मानो खिल उठा. उनकी कर्मठता व निरंतरता श्लाघनीय है व प्रेरणाप्रद भी. वे इसी प्रकार निरंतर लेखन रत रहें व सक्रिय भी. प्रो. ऋषभ देव शर्मा जी, डॉ.राधेश्याम शुक्ला जी, द्वारका प्रसाद मायछ जी आदि स्नेही आत्मीयों से मिलना अतीव हर्षातिरेक से भरता रहा है.



अन्य भी कई गतिविधियाँ व कई मित्रों-परिचितों से ( सर्व श्री वेदप्रताप वैदिक जी, रमणिका गुप्ता जी, राजकिशोर जी, अनामिका जी, अशोक चक्रधर जी, ब्रजेन्द्र त्रिपाठी जी, प्रो. गोपेश्वर सिंह जी, सुरेश नीरव जी, सुभाष नीरव जी, सुरेश यादव जी, अविनाश वाचस्पति जी, हरेप्रकाश उपाध्याय जी, डॉ. स्मिता मिश्रा जी, कनिष्क कश्यप जी, योगेन्द्र मौदगिल जी, आदि से मेलजोल / गपशप व सार्थक प्रश्नों पर चर्चाएँ, काव्यास्वादन व कार्यशाला आदि हुईं. भारतीय भाषाओं के साहित्य में स्त्रीमुक्ति और स्त्री लेखन पर प्रतीक्षित २ पुस्तकों ( काव्य पक्ष व गद्य पक्ष) की अंतिम तैयारी के काम का आनंद लिया.



( सम्पूर्ण प्रवास पर फिर कभी, लन्दन लौट कर, समयानुसार, विस्तार से व सचित्र ) लिखूँगी. अभी जिस विशेष उद्देश्य से प्रथम अवसर व नेट मिलते ही यह सन्देश समूह पर भेज रही हूँ उसका कारण है, हैदराबाद के वयोवृद्ध व नितांत आत्मीय श्री चन्द्रमौलेश्वर प्रसाद जी के विषय में आप सभी को सूचित करना. गत लगभग ६ माह से वे स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझते हुए भी इंटरनेट पर अपनी उपस्थिति निरंतर पूर्ववत बनाए हुए थे. किन्तु लगभग १५-२० दिन से वे अत्यधिक रुग्ण हैं व कल तक ICU में भर्ती रहे हैं, कल उन्हें वहाँ से प्राईवेट कक्ष में स्थानांतरित कर दिया गया है. अभी लगभग ८-१० दिन वे और अस्पताल में रहेंगे. वे आँतों में अल्सर की गंभीर समस्या से लड़ रहे हैं व काफी क्षीण व दुर्बल हो चुके हैं. कल उनसे अस्पताल में भेंट करने के बाद से मन बहुत कष्ट पाता रहा है, वे वहाँ भी मुस्कुरा रहे थे. और सभी को अपना अभिवादन भी प्रेषित करने को कह रहे थे.



इस तात्कालिक नोट द्वारा मैं उनके शीघ्र स्वास्थ्य की कामना करते हुए पुनः आप सभी को गणतंत्र की शुभ कामनाएँ देती हूँ.





6 टिप्‍पणियां:

  1. नया वर्ष स्वागत करता है , पहन नया परिधान ।
    सारे जग से न्यारा अपना , है गणतंत्र महान ॥

    गणतन्त्र-दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!

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  2. आदरणीय चन्द्र मौलेश्वर जी के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की शुभकामना के साथ ईश्वर से हार्दिक प्रार्थना करता हूँ। आपने अपने आवगमन के बारे में बताकर अच्छा किया। धन्यवाद।

    शुभ गणतंत्र...।

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  3. आदरणीय चन्‍द्रमौलेश्‍वर प्रसाद जी के रोग के बारे में जानकर मन में दुख हुआ परन्‍तु मानस ने कहा कि उनका मुस्‍कराना रोग पर उनकी विजय का जीवंत प्रतीक है। कविता जी के प्रवास कार्यक्रम की विस्‍तृत रपट की प्रतीक्षा रहेगी पर उससे भी पहले कविता जी की दिल्‍ली में फिर 5 फरवरी को मिलने का शिद्दत से इंतजार है।

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आपकी सार्थक प्रतिक्रिया मूल्यवान् है। ऐसी सार्थक प्रतिक्रियाएँ लक्ष्य की पूर्णता में तो सहभागी होंगी ही,लेखकों को बल भी प्रदान करेंगी।। आभार!

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