वस्तानवी को हटाने का वास्तविक अर्थ



वस्तानवी को हटाने का वास्तविक अर्थ  
-  डॉ. वेदप्रताप वैदिक





 मौलाना गुलाम मुहम्मद वस्तानवी को दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम के पद से हटाए जाने का असली अर्थ क्या है? इसे कुछ लोग धर्मनिरपेक्षता की हार बता रहे हैं तो कुछ मुस्लिम कट्टरपंथ की जीत कह रहे हैं और कुछ यह भी मान रहे हैं कि देवबंद के इस्लामी मदरसे से इससे ज्यादा उम्मीद ही क्या की जा सकती है? वह वस्तानवी जैसे आधुनिक और प्रगतिशील मौलाना को कैसे बर्दाश्त कर सकता था. सारे इस्लामी मदरसे मुसलमान बच्चों को सातवीं-आठवीं सदी के माहौल में कैद करके रखना चाहते हैं. यदि वस्तानवी मोहतमिम (कुलपति) बने रहते तो वे इस्लाम के इस डेढ़ सौ साल पुराने गढ़ को कोई कॉन्वेंट या कंप्यूटर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट बना डालते.

"भारतीय भाषाओं का भविष्य" : आमंत्रण : साहित्य अकादेमी


साहित्य अकादेमी

अपने साहित्य मंच कार्यक्रम में आपको आमंत्रित करती है...

सुपरिचित पत्रकार

राहुल देव

भारतीय भाषाओं का भविष्य

विषय पर व्याख्यान देंगे

सायं 6.00 बजे

बुधवार, 20 जुलाई, 2011

साहित्य अकादेमी सभाकक्ष ( तृतीय तल)

रवींद्र भवन, 35, फ़ीरोज़शाह मार्ग,

नई दिल्ली- 110 001

चायः सायं 5.30 बजे

उत्तरापेक्षीः 23073103

वेबसाइटः http://www.sahitya-akademi.gov​.in/











मेरा घर ७०० वर्ष पुराना ! और आपका... ?

मेरा  घर ७०० वर्ष  पुराना ! और आपका ?




उत्तरी पूर्वी ईरान के कन्दोवाँ क्षेत्र के सहंद पर्वत की तली में बसे गाँव के वासी कंदराओं और गुफाओं जैसे घरों में रहते हैं जिनकी बाहरी दीवारें लावे की चट्टान की निर्मिती  हैं | 

इनमें से कुछ घर तो ७०० वर्ष से भी अधिक पुराने हैं | इन घरों के कुछ चित्र देखिए और कभी यात्रा का मन बनाइये - 

( दृश्यों की जीवन्तता के लिए आवश्यक है कि एक एक को अलग से क्लिक कर बड़े आकार में देखें )

























































ब्रिटेन में क्षेत्रीय हिंदी सम्मलेन संपन्न


ब्रिटेन में क्षेत्रीय हिंदी सम्मलेन २०११ संपन्न 

लन्दन/ 2 जुलाई 2011

 



लन्दन में दिनांक 24 से 26 जून, 2011 तक बर्मिंघम के एस्‍टन विश्‍वविद्यालय प्रांगण में यू. के. क्षेत्रीय हिन्‍दी सम्‍मेलन का आयोजन किया गया. इस सम्मलेन का आयोजन विभिन्न संगठनों के सहयोग से किया गया. भारतीय उच्‍चायोग, लन्‍दन और प्रधान कोंसुलावास, बर्मिंघम के संरक्षण में गीतांजलि बहुभाषी साहित्‍यक समुदाय द्वारा गीतांजलि ट्रेंट, चौपाल, एचसीए वेल्‍स, सैंडवेल कन्‍फेडरेशन ऑव इंडियन्स, संत निरंकारी मंडल यूके, कथा यूके, भारतीय भाषा संगम, नेशनल काउंसिल ऑव हिन्‍दू प्रीस्‍ट्स, संस्‍कृति यूके, डीयूटी नीदरलैण्‍ड के सहयोग से सम्मलेन को सफल बनाया जा सका.


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