tag:blogger.com,1999:blog-8714172719590854723.post6878406884117664276..comments2023-12-16T02:31:12.678+00:00Comments on हिन्दी-भारत: बादल को घिरते देखा हैUnknownnoreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-8714172719590854723.post-28772889617252943022009-03-24T02:06:00.000+00:002009-03-24T02:06:00.000+00:00बाबा नागार्जुन जी तो तो मेरे मन में आज भी रचे बसे ...बाबा नागार्जुन जी तो तो मेरे मन में आज भी रचे बसे हैं। किसी समाचार-पत्र या अन्तर्जाल पर बाबा के सन्दर्भ में कुठ भी छपा होता है तो बाबा की स्मृतियाँ ताजा हो जाती हैं। मैंने तो बाबा की इस कविता को उनके मुख से प्रत्यक्ष रूप से व्याख्या के साथ सुना है। मेरे मित्र वाचस्पति शर्मा तो कहते थे कि बाबा की इस कविता का अर्थ तो बड़े-बड़े पी.एचडी के स्कालर भी नही कर पाते हैं। बाबा की कविता प्रकाशित करने पर धन्यवाद।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8714172719590854723.post-19371053809476517662008-10-05T13:00:00.000+01:002008-10-05T13:00:00.000+01:00bahut hi sundar kavita badhaibahut hi sundar kavita badhaiAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/16883786301435391374noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8714172719590854723.post-21124105820851721662008-10-05T12:27:00.000+01:002008-10-05T12:27:00.000+01:00ये कविता मुझे बहुत प्रिय है. इसको यहाँ देने के लिए...ये कविता मुझे बहुत प्रिय है. इसको यहाँ देने के लिए आभार.शोभाhttps://www.blogger.com/profile/01880609153671810492noreply@blogger.com