tag:blogger.com,1999:blog-8714172719590854723.post6000615855181905984..comments2023-12-16T02:31:12.678+00:00Comments on हिन्दी-भारत: जुल्म के निहत्थे प्रतिवाद की एक नजीरUnknownnoreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-8714172719590854723.post-82426861197915846822011-06-07T12:09:20.983+01:002011-06-07T12:09:20.983+01:00अहिंसा की यह लडाई कभी न कभी तो सफल होगी.. केवल धैर...अहिंसा की यह लडाई कभी न कभी तो सफल होगी.. केवल धैर्य की आवश्यकता है और ज़रूरत है उस चालाक बुद्धिबल की जिससे इन सियारों का पटक सकें।चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8714172719590854723.post-75982797804687847522011-06-07T11:43:58.345+01:002011-06-07T11:43:58.345+01:00इन्हें पिट-पिट कर नहीं अपितु पीट-पीट कर सीधा करने ...इन्हें पिट-पिट कर नहीं अपितु पीट-पीट कर सीधा करने की आवश्यकता है | :)Kavita Vachaknaveehttps://www.blogger.com/profile/02037762229926074760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8714172719590854723.post-69485175966456149322011-06-07T11:18:40.773+01:002011-06-07T11:18:40.773+01:00हिटलर शायद एक बार को शर्मिंदा हो जाता लेकिन कांग्र...हिटलर शायद एक बार को शर्मिंदा हो जाता लेकिन कांग्रेसी और कम्युनिस्टों को आप पिट-पिट कर शर्मिंदा नहीं कर सकते.<br />स्वतंत्र भारत का इतिहास पुनः पढ़ें तो इनकी बेशर्मी समझ आ सकेगी.<br /><br />इन्हें तो पीट-पीट कर भी शर्मिंदा नहीं किया जा सकता. आपको खुद शर्म आ जाएगी; पर ये तो सदा के मिथ्याचारी हैं!RISHABHA DEO SHARMA ऋषभदेव शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09837959338958992329noreply@blogger.com