tag:blogger.com,1999:blog-8714172719590854723.post3444782827382755750..comments2023-12-16T02:31:12.678+00:00Comments on हिन्दी-भारत: क्रिकेट की बीमारी और गुलामीUnknownnoreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-8714172719590854723.post-85340515753148573482010-05-02T14:56:08.343+01:002010-05-02T14:56:08.343+01:00ईमल द्वारा प्राप्त सन्देश -
अति सुन्दर ,
परन्तु ...ईमल द्वारा प्राप्त सन्देश -<br /><br />अति सुन्दर , <br />परन्तु भीड़ को समझ मे^ तो तब आएगा जब भीड़ सुशिक्षित हो. और जब शासन के हित मे^ वोट पाने के लिए अशिक्षित भीड़ जुटाना एक जीवन मरण का प्रश्न हो तो भीड़ को कोइ क्यों शिक्षित बनाने देगा?<br /> सुबोध कुमार (दिल्ली)Kavita Vachaknaveehttps://www.blogger.com/profile/02037762229926074760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8714172719590854723.post-20704764061211462522010-04-25T02:59:25.096+01:002010-04-25T02:59:25.096+01:00कविता जी आपने सत्यार्थ प्रकाश पङी
लेकिन क्या आपने ...कविता जी आपने सत्यार्थ प्रकाश पङी<br />लेकिन क्या आपने कबीर की अनुराग<br />सागर पङी है ये वो किताब है जिसने<br />नही पङी उसने जीवन को बहुत मिस<br />किया है ये किताब आपको "टारगेट आफ़<br />लाइफ़ " बताती है वैसे हिन्दू धर्मग्रन्थों<br />में बहुत कुछ है पर हमने उनको समझने<br />में अवश्य गलती की है<br />satguru-satykikhoj.blogspot.comसहज समाधि आश्रमhttps://www.blogger.com/profile/12983359980587248264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8714172719590854723.post-65139824031253231712010-04-24T13:08:52.194+01:002010-04-24T13:08:52.194+01:00किसी ने कम्युनिस्ट बनाकर छोड़ दिया बेचारे को। अपने...किसी ने कम्युनिस्ट बनाकर छोड़ दिया बेचारे को। अपने धंधे में लग गया। किसी ने संघी बनाकर छोड़ दिया बेचारे को। अपने धंधे में लग गया। किसी ने नेता बनाकर, किसी ने साहित्यकार बनाकर, किसी ने अफसर बनाकर, किसी ने चपरासी बनाकर, किसी ने कुंवारा, किसी ने आवारा, किसी ने शादी-शुदा बनाकर छोड़ दिया कि जा कहीं कुछ कर, मेरी छाती पर मूंग मत दल। कहां जाए बेचारा? न रूस, न नेहरू, न रामचंद्र शुक्ल और नामवर सिंह, न नौकरी, न वो सस्ती वाले दिन, जब दो पैसे में एक किलो पकौड़ी या दो रुपये में दस किलो घी मिला करता था। आप बहुत अच्छा लिखती हैं। पढ़कर अपुन के मन में छिपा लतमरुआ चोर दुष्यंतकुमार की तरह आंय-बांय-सांय करने लगता है। क्षमा करें।sansadjee.comhttps://www.blogger.com/profile/02069335494339526076noreply@blogger.com