वर्ष २००८ के `केदार सम्मान' का निर्णय संपन्न


वर्ष २००८ के `केदार सम्मान' का निर्णय संपन्न
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दिनेश कुमार शुक्ल को



समकालीन हिन्दी कविता के महत्वपूर्ण कवि, दिनेश कुमार शुक्ल को उनके कविता संकलन `ललमुनिया की दुनिया' के लिए वर्ष २००८ का केदार सम्मान देने का निर्णय लिया गया है निर्णय की प्रशस्ति में लिखा गया है कि दिनेश कुमार शुक्ल हमारे समय के उन थोड़े से कवियों में हैं जो आज वैश्वीकरण से उत्पन्न बाजारवाद से आक्रांत दुनिया के सुख - दुःख को हार्दिकता के साथ एक बड़े फलक पर उठाते हैं। उनके नए संग्रह `ललमुनिया की दुनिया' में हमारे जीवनानुभव ही नहीं, जीवनमूल्य और मानवीय सौन्दर्यबोध भी है। कविता की डूबती दुनिया में वे जिस तरह मनुष्यता को अपनी संवेदना से रेखांकित करते हैं, वह पाठकों को चमत्कृत करता है। बिल्कुल कवि कुँवर नारायण की तरह उनकी कविता में भी मनुष्यता को बचाने की चिंता है, संवेदनशीलता के साथ। निराला और मुक्तिबोध की तरह इस कवि ने भी कविता को शब्द- लय और भाषा के सौन्दर्यबोध के साथ इसे अपनी कविता में साधा है।


ज्ञातव्य हो कि दिनेशकुमार शुक्ल का `ललमुनिया की दुनिया'
वर्ष २००८ में अनामिका प्रकाशन, इलाहाबाद द्वारा प्रकाशित किया गया है। यह इनका पाँचवाँ संकलन है . इसके पूर्व केदार सम्मान से निम्नांकित समकालीन हिन्दी कविता के महत्वपूर्ण कवियों को सम्मानित किया जा चुका है - नासिरा अहमद सिकंदर (१९९६) , एकांत श्रीवास्तव (१९९७) , कुमार अम्बुज (१९९८) , विनोद दास (१९९९) , गगन गिल (२०००) , हरिश्चंद्र पाण्डेय (२००१) , अनिल कुमार सिंह (२००२) , हेमंत कुकरेती (२००३) , नीलेश रघुवंशी (२००४) , आशुतोष दुबे (२००५) , बद्री नारायण (२००६) , अनामिका (२००७) ।


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नरेन्द्र पुण्डरीक ------------- निर्णाय समिति --------------- डॉ. कविता वाचक्नवी
सचिव --------------------------- केदार सम्मान----------------------- सदस्य : कार्यकारिणी
(केदार शोधपीठ न्यास)-------------------------------------------------- केदार सम्मान समिति









3 टिप्‍पणियां:

  1. दिनेश जी को बहुत बहुत बधाई प्रेषित करें कविता जी.
    विस्तृत जानकारी के लिए आभार.
    - विजय

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  2. दिनेशकुमार शुक्ल जी को बधाई

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  3. केदार सम्मान 2008 की सूचना भे्जने के लिए आभार। सम्मानित कवि श्रीयुत दिनेश कुमार शुक्ल को बहुत-बहुत बधाई!

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आपकी सार्थक प्रतिक्रिया मूल्यवान् है। ऐसी सार्थक प्रतिक्रियाएँ लक्ष्य की पूर्णता में तो सहभागी होंगी ही,लेखकों को बल भी प्रदान करेंगी।। आभार!