tag:blogger.com,1999:blog-8714172719590854723.post2334282642048815742..comments2023-12-16T02:31:12.678+00:00Comments on हिन्दी-भारत: छत्रसाल की माँUnknownnoreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-8714172719590854723.post-44140080154270794632008-12-21T10:15:00.000+00:002008-12-21T10:15:00.000+00:00आप ने बहुत सुंदर रचना हम तक पहुचाई, पढ कर सर शान स...आप ने बहुत सुंदर रचना हम तक पहुचाई, पढ कर सर शान से ऊंचा होगया, आज भी हमे यही होसला, चाहिये, मान से मरना, सर झुका के लज्जित हो कर जीने से हजार गुणा बेहतर है, आप का बहुत बहुत धन्यवाद, <BR/><BR/>एक बात आप के इस पेज पर आने मै २, ३ मिन्ट लगते है, कई बार पी सी फ़ंस भी जाता है, मेरे पास तीन अलग अलग पीसी है, सभी पर यही होता है, शायद ओरो के साथ भी होता हो, कृप्या चेक कर ले, क्या बात है.राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.com