tag:blogger.com,1999:blog-8714172719590854723.post1709604237979014649..comments2023-12-16T02:31:12.678+00:00Comments on हिन्दी-भारत: रस ही जीवन / जीवन रस हैUnknownnoreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-8714172719590854723.post-66836587240289077162009-03-05T12:12:00.000+00:002009-03-05T12:12:00.000+00:00राज किशोर जी के इस लेख के लिये धन्यवाद. "निष्प्रया...राज किशोर जी के इस लेख के लिये धन्यवाद. <BR/>"निष्प्रयास स्वीकृति प्रेम को आलसी बना देती है ।" इस सूक्ति को मन में रख रहा हूं.Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8714172719590854723.post-68360603653752120802009-03-05T08:32:00.000+00:002009-03-05T08:32:00.000+00:00बहुत अच्छा लेख लिखा राजकिशोरजी ने। पढ़वाने का शुक्...बहुत अच्छा लेख लिखा राजकिशोरजी ने। पढ़वाने का शुक्रिया।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.com